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Monday 27 June 2016

अधिवक्ता पेंशन व युवा अधिवक्ता भत्ता... आंदोलन एक यात्रा:-

अधिवक्ता पेंशन कल्याणकारी योजना के लिये निरन्तर आंदोलन करते रहना है। हम अधिवक्ता बंधुओं को अगर अच्छी योजना बनाकर दिया जायेगा तो हम व्यक्तिगत अंशदान को भी तैयार हैं। 2009 में जब यह आंदोलन शुरु हुआ तो न बार एसोसिएशन साथ मे था और ना बार काउंसिल। फिर 2010 में बनारस बार और फिर सेन्ट्रल बार साथ में आया। पेंशन उपसमिति बनी। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता पेंशन (कल्याणकारी) योजना नियम, 2010 का प्रारूप बना और तत्कालीन प्रदेश सरकार व बार काउंसिल को भेजा गया। पर कुछ न हुआ 2012 विधानसभा चुनाव व बार काउंसिल चुनाव आया। समाजवादी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अधिवक्ता पेंशन व युवा अधिवक्ता भत्ता सम्मिलित कर लिया। यह देख काफी बार काउंसिल व बार एसोसिएशन के प्रत्याशियों ने भी अधिवक्ता पेंशन व युवा अधिवक्ता भत्ता का वादा किया। यह हमारी मांग की मौलिक विजय थी। चुनाव के पश्चात स.पा. सरकार व उसके मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने वकीलों के हर सम्मेलनों में व गोष्ठी में अधिवक्ता पेंशन व युवा अधिवक्ता भत्ता की बात दोहराई है पर 5 (पाँच) साल होने को आये किया कुछ नहीं।
अधिवक्ता पेंशन योजना व युवा अधिवक्ता भत्ता योजना की हमारी मांग को बार काउंसिल अॉफ इंडिया ने अपने नये नियम BCI Certificate and Place of Practice (Verification) Rules, 2015 में भी अंकित कर अन्तिम रुप दे दिया है।
#AdvAnshuman
 


Sunday 1 February 2015

वकीलों ने आंदोलन की चेतावनी दी :-

लखनऊ (ब्यूरो)। वकीलों की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में हीला हवाली करने को लेकर बार काउंसिल ने गांधी भवन में प्रदेश के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें वकीलों के इलाज की व्यवस्था करने, मृत्यु पर पांच लाख रुपये देने, 40 करोड़ रुपये दिए जाने, पूर्ण रूप से सचिव नियुक्त करने तथा बार काउंसिल के अध्यक्ष को न्यायी समिति का अध्यक्ष बनाये जाने की मांग की। साथ ही मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस बैठक में शासन को प्रत्यावेदन देकर बताया गया कि सरकार ने 2012 में सत्तासीन होने के बाद प्रतिवर्ष 40 करोड़ रुपये अधिवक्ता कल्याण निधि न्यायी को दिए जाने, वकीलों का 5 लाख रुपये का बीमा तथा नए वकीलों को 2 वर्ष तक 2 हजार रुपये भत्ता दिए जाने की घोषणा की थी। महाधिवक्ता प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी ने इन योजनाओं को पेचीदा बना दिया। बार काउंसिल के चेयरमैन अब्दुल रज्जाक तथा वाइस चेयरमैन अखिलेश अवस्थी ने बताया कि जब योजनाओं को लागू करने की बात आती है तो ये अधिकारी अड़चने लगाते हैं। 
Thanks to Amar Ujala for this news.
Web Link:-

Saturday 27 September 2014

अधिवक्ता हितों की अनदेखी पर प्रदेश सरकार को चेतावनी :-


गोंडा : अधिवक्ता हितों की अनदेखी किए जाने पर अधिवक्ता संघ उत्तर प्रदेश अध्यक्ष एवं यूपी बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन अजय कुमार शुक्ल ने आक्रोश जताते हुए अविलंब योजनाएं क्रियान्वित किए जाने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि अविलंब योजनाएं नहीं शुरू की गई तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
वे सिविल बार एसोसिएशन के सभागार में अधिवक्ताओं से कही। उन्होंने कहा कि सामूहिक बीमा योजना का भुगतान न किए जाने, एक जनवरी 2014 के पश्चात दिवंगत हुए अधिवक्ताओं की विधवाओं व उनके बच्चे ठोकरें खा रहे हैं। लालफीता शाही के कारण योजनाएं लागू न होने से प्रदेश में अधिवक्ताओं में रोष बढ़ रहा है। उन्होंने 27 वर्ष के स्थान पर 30 वर्ष तक के अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड की योजना का लाभ दिए जाने की बात कही। उन्होंने अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए एडवोकेट वेल्फेयर एक्ट में संशोधन कर बजटीय प्रावधान सुनिश्चित किए जाने, न्यायालय की अवमानना अधिनियम में संशोधन, प्रदेश में शीघ्र अधिवक्ता पेंशन व अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू किए जाने की मांग की। पूर्व अध्यक्ष शुक्ल ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा किए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश में राजस्व न्यायालय के लिए अलग से कैडर गठित करने की बात कही। इसके बाद शुक्ल ने दिवंगत अधिवक्ता अजीत सिंह की पत्‍‌नी सुधा सिंह को 50 हजार रुपए का चेक प्रदान किया। इस दौरान सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष गंगा प्रसाद मिश्र, बार एसोसिएशन अध्यक्ष रविचन्द्र त्रिपाठी, अनिल सिंह व विवेकमणि श्रीवास्तव, विजय कुमार श्रीवास्तव, अनुज कुमार श्रीवास्तव, रामकरन मिश्र, भूपेश उपाध्याय, अलंकार सिंह, रवि प्रकाश तिवारी, सर्वजीत मिश्र, नितिन श्रीवास्तव, नगेंद्र शर्मा, सुरेंद्र मिश्र, रुद्रनाथ मिश्र, राजीव श्रीवास्तव, विनय कुमार त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह, टीपी सिंह, चंद्र प्रकाश तिवारी, अमरनाथ गुप्त, रवींद्र नाथ मिश्र, दिनेश दूबे समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।
स्रोत :- श्री Narendra Verma

Thursday 14 August 2014

स्वतंत्रता दिवस - 2014 की हार्दिक शुभकामनाएं

सभी सम्मानित भारत वंशियो को, अधिवक्ताओं को 
और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को 
स्वतंत्रता दिवस - 2014 की हार्दिक शुभकामनाएं
कृपया हमारे भारत की सबसे बड़ी बीमारी "भ्रष्टाचार" को 

खत्म करने का प्रयास करे, 
 ताकि भारत दुनिया का सबसे अच्छा मुल्क बन सके।
!! जय भारत प्रेम !!

Saturday 5 July 2014

सरकार वकीलों को पेंशन-भत्ता व बीमा सुविधाएं देने को तैयार :-

Sources Amar Ujala, Lucknow, 28-06-2014, Page No.5
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को विधान परिषद में आश्वस्त किया कि वह वकीलों को पेंशन-भत्ता व बीमा सुविधाएं देने को तैयार है। सदस्यों के सवाल पर नेता सदन अहमद हसन ने बताया कि इस सिलसिले में प्रक्रिया चल रही है। न्यासी समिति से भी जरूरी जानकारियां मांगी गई हैं। वकीलों को सुविधाएं देने के लिए यूपी वेलफेयर फंड एक्ट में संशोधन करना होगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया। सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्य स्थगन सूचना अस्वीकार कर दी। पर, सरकार को अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए।
शून्य प्रहर में कांग्रेस के नसीब पठान, दिनेश प्रताप सिंह, भाजपा के विनोद पांडेय, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा और सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने अलग-अलग सूचनाओं के माध्यम से यह मामला उठाया। सदस्यों ने तर्क दिया कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में इसका वादा भी किया था। चुनाव के दौरान पार्टी के नेताओं ने कई बार सरकार में आने पर अधिवक्ता कल्याण निधि बढ़ाने, जूनियर वकीलों को तीन वर्ष तक भत्ता देने और 60 वर्ष की उम्र पूरी कर लेने वाले अधिवक्ताओं को पेंशन देने की घोषणाएं की हैं। सरकार इन्हें पूरा करे। बसपा के गोपाल नारायण मिश्र ने कहा कि बसपा के शासन में 60 करोड़ रुपये दिए गए थे। पर, बाद में इसे घटा दिया गया। कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से भी संबंधित अधिनियम संशोधित करके वकीलों को इसका लाभ दे सकती है।
नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि पार्टी पहले भी जब-जब सत्ता में रही तब-तब वकीलों के कल्याण के लिए कई काम किए। वकीलों को पेंशन व भत्ता पर भी प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। न्यासी समिति से वित्तीय व्यय भार की जानकारी मांगी गई है। अधिवक्ताओं के कल्याण संबंधी योजनाओं के बारे पूरी पत्रावली वित्त विभाग को भेजी गई है। सरकार प्रयास कर रही है कि इस सिलसिले में सारी कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी करा ली जाए। 
Web Link of Above News:-



Saturday 7 June 2014

Bar Council of India proposes Stipend for Young Advocates :-



Web Link of the News :-
http://barandbench.com/content/212/bci-proposes-establishment-advocates-academy-rs5000#.U5MrMXa5eI5

युवा अधिवक्ताओं के लिए वकालत के शुरूआती समय के लिए 'अधिवक्ता पेंशन विकास समिति, वाराणसी' और अन्य बार संघो की लंबित मांग "Stipend" पर बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने साकारात्मक पहल की है, जिसके लिए बार कौंसिल को कोटिश: धन्यवाद। 
इसी प्रकार हम सभी अधिवक्ता यह भी मांग करते है कि "अधिवक्ता पेंशन योजना" के विषय में भी बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने साकारात्मक पहल करे।

Sunday 6 April 2014

बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के स्तर पर भी अधिवक्ता पेंशन योजना एवं अधिवक्ता बीमा योजना की मांग उठी :-

बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के स्तर पर भी 'अधिवक्ता पेंशन योजना' एवं 'अधिवक्ता बीमा योजना' की मांग उठ चुकी है ।  अधिवक्ता पेंशन योजना एवं अधिवक्ता बीमा योजना की मांग बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के गोल्डन जुबली समारोह 2013 में और पुनः 02-03-2014 को राष्ट्रीय सम्मलेन में अधिवक्ताओं द्वारा उठाया गया है । जिसपर वर्त्तमान केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी का रुख सकारत्मक है। उक्त तथ्यो को बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन श्री मन्नन मिश्र  ने वाराणसी में दिनांक 05-04-2014 को पत्रकारों के सम्मुख रखा। 
हिंदुस्तान समाचार पत्र  दिनांक 06-04-2014 में प्रकाशित समाचार निम्न है :-

Wednesday 26 February 2014

स.पा. व भा.ज.पा. के बाद कांग्रेस भी अधिवक्ता पेंशन की मांग पर सहमत :-

समाजवादी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी "अधिवक्ता पेंशन योजना" की मांग पर सहमत हुए। उत्तर प्रदेश विधान परिषद् में कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने "अधिवक्ता पेंशन योजना" की मांग सदन के पटल पर रखा। अधिवक्ता पेंशन विकास समिति की मांग का व्यापक असर हो रहा है, भारत की तीन राष्ट्रीय पार्टी "अधिवक्ता पेंशन योजना" की मांग पर सहमत हो गयी हैं। 

राजद्रोह का अपराध क्या है?

Link:-
http://teesarakhamba.blogspot.com/2010/12/blog-post_28.html

Thnaks to तीसरा खंबा : राजद्रोह का अपराध क्या है?

Our Aim

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The Times of India, Kapur : News on Advocate Pension Scheme

The Bihar State Bar Council Advocates' (Welfare) Pension Scheme, 2008