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Saturday 17 November 2012

हस्ताक्षर अभियान : समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा चुनाव पूर्व अधिवक्ता कल्याण के लिए किये गए वादों के क्रियान्वयन हेतु

प्रदेश की वर्त्तमान समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा चुनाव पूर्व अधिवक्ता कल्याण के लिए किये गए वादों के क्रियान्वयन हेतु अधिवक्ता पेंशन विकास समिति के संयोजक श्री अशोक कुमार पाण्डेय व अन्य ने वाराणसी जिले के अधिवक्ता बंधुओं के सहयोग से एक हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत दिनांक 16-10-2012 को किया। उक्त हस्ताक्षर अभियान का अंत  दिनांक 08-11-2012 को हुआ जिसमें 1000 से ज्यादा अधिवक्ताओं ने अपने हस्ताक्षर कर अभियान का समर्थन किया। तत्पश्चात वाराणसी के पुरातन बार संघ दी बनारस बार एसो0, वाराणसी के माध्यम से उक्त हस्ताक्षर अभियान पत्र  माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को आज दिनांक 17-11-2012 को जिलाधिकारी, वाराणसी के द्वारा भेजा गया।
हस्ताक्षर अभियान पत्र, दी बनारस बार एसो0 पत्र व आदि की प्रतिलिपि एवं छायाचित्र निम्न है :-



















 



Wednesday 7 November 2012

All India Bar Examination (AIBE)

 वकालत एक कॅरियर भर नहीं बल्कि व्यवस्था पर लोगों के भरोसे को कायम रखने की कवायद है। यदि आप भी इस कवायद में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो काले लिबास के इस पेशे में कॅरियर का बहुरंगी संसार छिपा है...!!!
All India Bar Examination (AIBE)
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वकालत का क्षेत्र आज आम नहीं रहा। वो दिन गए जब लोग किसी और विकल्प के अभाव में वकालत का दामन थाम लिया करते थे। अब तो क्लैट जैसे कदमों ने इस क्षेत्र का स्तर बहुत ऊपर उठा दिया है। यही कारण है कि आज वकालत में एक पूर्ण कॅरियर की चाह रखने वाले लोग ही यहां प्रवेश ले रहे हैं व इस क्षेत्र को कामचलाऊ कॅरियर विकल्प मानने की पुरानी अवधारणा भी खत्म हो रही है। इसी कड़ी में एक नया नाम है-ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम। जो एडवोकेट के रूप में न्यायालय में खुद को रजिस्टर्ड कराने से पहले योग्य उम्मीदवार का टेस्ट लेता है। उसमें सफल होने पर ही अभ्यर्थी एक वकील के रूप में अपना कॅरियर शुरू कर पाता है। क्यों पड़ी जरूरत दरअसल इस परीक्षा को आयोजित कराने के पीछे बार काउंसिल की मंशा वकालत के पेशे में उतर रहे युवाओं की कार्यगत कुशलता नहीं बल्कि स्किल्स, विषय की आधारभूत समझ व पेशेगत योग्यता परखना है। इसी कारण गत वर्ष से ही इस परीक्षा की शुरुआत की गई। 
  • परीक्षा तिथि 25 नंवबर 2012 है। 
  • एप्लीकेशन फीस- नए अभ्यर्थियों के लिए- 1900 रुपए दोबारा फॉर्म भर रहे अभ्यर्थियों के लिए-1400 रुपए 
  • परीक्षा माध्यम- इस परीक्षा का आयोजन देश भर के 27 परीक्षा केंद्रों पर 9 भाषाओं (हिंदी, तमिल, इंग्लिश, गुजराती, तमिल, बंगाली, मराठी, तेलुगू, कन्नड़, उडि़या) में होता है। 
  • समयावधि- 3 घंटे 30 मिनट ल्ल परीक्षा पैटर्न- परीक्षा में सौ सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवाल बहुविकल्पीय (ओएमआर फॉर्मेट में) होंगे। 
  • कैसा होगा पाठ्यक्रम- परीक्षा में आने वाले सवाल बार कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित त्रिवर्षीय एलएलबी व पंचवर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र दो कैटेगिरी में बंटा होगा। पहला कानून के वृहत क्षेत्र केआधारभूत ज्ञान से जुड़ा होगा। वहीं दूसरे में कई अन्य विषयों से जुड़े हुए ऐसे सवाल होंगे, जिन्हें जानना इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी नवागंतुक के लिए आवश्यक है।
  •  http://www.allindiabarexamination.com/
काला कोट, अदालती परिवेश, सामने खड़े मुजरिम, बहसों से गुजरते वकील। आज ज्यूडिशियरी कॅरियर का मतलब केवल यही सब नहीं है। आज तो इसका परिवेश विस्तृत हो चुका है, जिसमें आप ज्यूडिशियल काउंसलिंग से लेकर लीगल राइटिंग, आउटसोर्सिग जैसे क्षेत्रों में काम की गुंजाइश ढ़ूंढ सकते हैं। पीजीडीएम इन पेटेंट लॉ, डिप्लोमा इन साइबर क्राइम, डिप्लोमा इन मीडिया लॉ, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल ह्यूमेनटेरियन लॉ जैसे एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स आपको अन्य बहुत से क्षेत्रों में पैर जमाने का अवसर देते हैं। कॉरपोरेट काउंसिल- आज गलाकाट कॉरपोरेट प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यावसायिक सलाहकार बड़ी जरूरत बनकर उभरे हैं। कॉरपोरेट लॉ में माहिर ये लोग लीगल ड्राफ्ंिटग से लेकर अधिग्रहण तक कई विषयों में अपनी कंपनी को मशविरा देते हैं। बढि़या सैलरी, बेहतर वर्किग कंडीशन के बीच यह क्षेत्र लॉ ग्रेजुएट्स के लिए खासा उपयुक्त माना जाता है। ज्यूडिशियल सर्विस- बदलाव तो कई आए लेकिन न्यायिक सेवाओं का जलवा अभी भी कायम है। सरकारी नौकरी का आश्वासन, न्यायपालिका की शक्तियां, सामाजिक दायित्व आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जिसके चलते आज बड़ी संख्या में युवा वकील व लॉ ग्रेजुएट इस ओर रुख कर रहे हैं। लीगल राइटिंग- यदि अच्छे आला दर्ज का वकील बनना हैं तो आप सतत अध्ययन से भाग नहीं सकते। यही तथ्य आज अच्छे लीगल राइटर्स के लिए उपजाऊ अवसर पैदा कर रहा है। यदि आपके पास भी कानून की गहन जानकारी है व लेखन, पसंदीदा विषय है तो आप भी लीगल राइटिंग के क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं। इन दिनों पब्लिकेशन हाउसेज केसाथ वेबसाइट्स में भी अच्छे लीगल राइटर्स की मांग है। लॉ फ‌र्म्स-लॉ फ‌र्म्स अपने क्लाइंट का अदालत में प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं। ये फ‌र्म्स अपने नाम और पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक वकीलों, क्लर्को, ड्राफ्टर्स को जगह देते हैं। लॉ फ ‌र्म्स में अनुभवी व फ्रेशर दोनों के लिए अवसर होते हैं। एकेडेमिक्स- वकालत की ओर युवाओं के बढ़ते रुझान के चलते आज देश में कई लॉ स्कूल खुले हैं। कानून में स्नातक, परास्नातकों के पास इन कॉलेजों को बतौर लॉ फैकेल्टी ज्वाइन कर अपना और अपने छात्रों का भविष्य चमकाने का पूरा मौका है। इस फील्ड में उन्हें रिसर्च का भी मौका मिलता है। एलपीओ (लॉ प्रोसेसिंग आउटसोर्सिग)- एलपीओ बेशक एक नया क्षेत्र है लेकिन आउटसोर्सिग के बढ़ते चलन के बीच यहां अवसरों की रंगत अलग ही शमां बांध रही है। इसमें बड़ी बड़ी लॉ फ‌र्म्स, इन हाउस लॉ डिपार्टमेंट काम का बोझ कम करने तो कई बार वित्तीय बचत के लिए विदेशी लॉ फ‌र्म्स या लीगल सपोर्ट सर्विस की सेवाएं लेते हैं। टेक्नोसेवी, बेहतर इंग्लिश, कानून की सटीक समझ रखने वाले लोग यहां काम का ग्लोबल दायरा तलाश सकते हैं। आप खुद कॅरियर का फैसला कर सकते हैं। 
http://www.allindiabarexamination.com/ 

समस्त अधिवक्ता व विधि स्नातक और अधिवक्ता पेंशन विकास समिति "दैनिक जागरण - जोश" को उपर्युक्त लेख के लिए कोटिश: धन्यवाद देती है। 
इस सराहनीय लेख से अधिवक्ता समाज के प्रति लोगो की गलत मानसिकता बदलने में सहायता मिलेगी।
पुनः  धन्यवाद.......!!!

Tuesday 6 November 2012

हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की हत्या या उन पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लेते हुए उनकी सुरक्षा के लिए योजना तैयार करने की पहल की :-


अधिवक्ताओं की सुरक्षा की जानी चाहिए क्योंकि वे कोर्ट अधिकारी हैं और उनके बिना न्याय व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट रूल्स के अंतर्गत एडवोकेट रोल तैयार करने की प्रक्रिया पूरी की जाए।अदालत ने व्यवसाय के लिए समर्पित अधिवक्ताओं के समूह से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को अलग करने के मुद्दे पर विचार रखने के लिए उप्र बार कौंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद व लखनऊ के सचिवों को अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर को बुलाया है।

Saturday 13 October 2012

आजमगढ़: वकीलों के पेंशन सहित 24 सूत्रीय मांगों को लेकर महासम्मेलन

आजमगढ़: शुक्रवार को संयुक्त अधिवक्ता संघर्ष समिति के तत्वावधान में मेहता पार्क में वकीलों के पेंशन सहित 24 सूत्रीय मांगों को लेकर महासम्मेलन आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि सूबे के पंचायती राज मंत्री बलराम यादव थे। विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष महमूद इमरान खां थे।
पंचायती राज मंत्री बलराम यादव ने कहा कि वकील संघर्ष की बात न करें। वह वकीलों को संघर्ष के रास्ते पर जाने ही नहीं देंगे। इसके पहले ही उनकी प्रदेश सरकार से संबंधित सभी मांगे मान ली जाएंगी।
महमूद इमरान खां ने कहा कि शनिवार को होने वाली बार कौंसिल की बैठक में वह मांग पत्र में शामिल सारी मांगों पर संस्तुति की मोहर लगाकर शासन को भेजेंगे।



सम्मेलन के मुख्य अतिथि पंचायती राज मंत्री तथा बार कौंसिल के अध्यक्ष को संघर्ष समिति की ओर से अनिल राय एडवोकेट, दिवाकर सिंह एडवोकेट ने 14 सूत्री मांग पत्र सौंपा।


Web Link :-

अधिवक्ताओं की मांग पर सरकार गंभीर : Amar Ujala - Azamgarh

वकीलों को मिलेगा सभी अधिकार: बलराम : Jagran - Uttar Pradesh


Wednesday 10 October 2012

पूर्वांचल अधिवक्ता सम्मलेन :- आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में 12-10-2012

संयुक्त अधिवक्ता संघर्ष  समिति
आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 
को 
अधिवक्ता कल्याण के विषय 
पर 12-10-2012 को पूर्वांचल अधिवक्ता सम्मलेन 
आहूत करने के लिये आप सबको 
अधिवक्ता पेंशन विकास समिति 
के समस्त सदस्यों 
की तरफ से 
हार्दिक बधाई व धन्यवाद्। 

आमंत्रण-पत्र  


Tuesday 9 October 2012

राज्य सरकार के निर्णय से खफा अधिवक्ताओं ने निकाला जुलूस :-

आतंकवादियों के खिलाफ अदालतों में विचाराधीन मुकदमों को वापस लिए जाने के राज्य सरकार के निर्णय से भड़के अधिवक्ताओं ने सोमवार को कचहरी परिसर में जुलूस निकाला और डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। अधिवक्तओं ने फैसले के विरोध में 9 अक्टूबर को कार्य से विरत रहने की घोषणा की है। 


Tuesday 18 September 2012

वाराणसी कचहरी परिसर में अस्पताल भवन का शुभारम्भ :-

दिनांक 17-09-2012 को वाराणसी कचहरी परिसर में अस्पताल भवन का शुभारम्भ हुआ। अस्पताल भवन के निर्माण में मुख्य रूप से सहयोग वाराणसी के सांसद श्री मुरली मनोहर जोशी जी का है और अस्पताल भवन की आधारशिला 2007 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद श्री वीरेंद्र भाटिया जी के सहयोग से रखी गयी थी।
वाराणसी का संपूर्ण अधिवक्ता समाज डॉ0 जोशी जी के सदैव आभारी रहेंगा  और स्व0 श्री वीरेंद्र भाटिया जी  का सदैव ऋणी रहेंगा, की उनकी पावन  शुरुआत अस्पताल भवन के रूप में वाराणसी कचहरी परिसर में आज खडी है और अधिवक्ता संतुष्ट व कृतज्ञ हैं।

Friday 31 August 2012

वाराणसी के अधिवक्ता मुख्यमंत्री को भेजेंगे उनके वादों को पूरा करने का मांग पत्र :-

प्रस्ताव :- "उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ताओं से किये गये पाँचों वादों को पूरा करने के लिए" पर आहूत की गयी बैठक तिथि 28-08-2012 व 31-08-2012 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। 

आज तिथि 31-08-2012 को स्थगित बैठक 28-08-2012 की कार्यवाही पुन: शुरू किया गया और सर्वप्रथम प्रस्तावक श्री अंशुमान दुबे ने तिथि 28-08-2012 की बैठक के विषय में सदस्यों को बताया। ततपश्चात सम्मानित अधिवक्ता बंधुओं क्रमश: श्री मान बहादुर सिंह, श्री हरीशंकर पाठक, श्री अशोक कुमार सिंह, श्री श्रीनिवास मिश्र, श्री राम मूरत सिंह यादव, श्री निसार अहमद, श्री राम राजीव सिंह, श्री सत्य नारायण द्विवेदी आदि ने अपने विचार सदन के पटल पर रखे। बैठक के अंत में प्रस्तावकगण ने सदस्यओं के विचार व संशोधन को स्वीकार करते हुए संशोधित प्रस्ताव अध्यक्ष श्री अशोक सिंह 'दाढ़ी' व सदस्यओं के समक्ष रखा जिसे अध्यक्ष जी ने सहर्ष स्वीकार करते हुए पारित कर दिया। 

पारित प्रस्ताव की प्रेस विज्ञप्ति निम्न है:-



बैठक के छायाचित्र






राजद्रोह का अपराध क्या है?

Link:-
http://teesarakhamba.blogspot.com/2010/12/blog-post_28.html

Thnaks to तीसरा खंबा : राजद्रोह का अपराध क्या है?

Our Aim

Our Aim

The Times of India, Kapur : News on Advocate Pension Scheme

The Bihar State Bar Council Advocates' (Welfare) Pension Scheme, 2008