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Wednesday, 7 November 2012

All India Bar Examination (AIBE)

 वकालत एक कॅरियर भर नहीं बल्कि व्यवस्था पर लोगों के भरोसे को कायम रखने की कवायद है। यदि आप भी इस कवायद में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो काले लिबास के इस पेशे में कॅरियर का बहुरंगी संसार छिपा है...!!!
All India Bar Examination (AIBE)
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वकालत का क्षेत्र आज आम नहीं रहा। वो दिन गए जब लोग किसी और विकल्प के अभाव में वकालत का दामन थाम लिया करते थे। अब तो क्लैट जैसे कदमों ने इस क्षेत्र का स्तर बहुत ऊपर उठा दिया है। यही कारण है कि आज वकालत में एक पूर्ण कॅरियर की चाह रखने वाले लोग ही यहां प्रवेश ले रहे हैं व इस क्षेत्र को कामचलाऊ कॅरियर विकल्प मानने की पुरानी अवधारणा भी खत्म हो रही है। इसी कड़ी में एक नया नाम है-ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम। जो एडवोकेट के रूप में न्यायालय में खुद को रजिस्टर्ड कराने से पहले योग्य उम्मीदवार का टेस्ट लेता है। उसमें सफल होने पर ही अभ्यर्थी एक वकील के रूप में अपना कॅरियर शुरू कर पाता है। क्यों पड़ी जरूरत दरअसल इस परीक्षा को आयोजित कराने के पीछे बार काउंसिल की मंशा वकालत के पेशे में उतर रहे युवाओं की कार्यगत कुशलता नहीं बल्कि स्किल्स, विषय की आधारभूत समझ व पेशेगत योग्यता परखना है। इसी कारण गत वर्ष से ही इस परीक्षा की शुरुआत की गई। 
  • परीक्षा तिथि 25 नंवबर 2012 है। 
  • एप्लीकेशन फीस- नए अभ्यर्थियों के लिए- 1900 रुपए दोबारा फॉर्म भर रहे अभ्यर्थियों के लिए-1400 रुपए 
  • परीक्षा माध्यम- इस परीक्षा का आयोजन देश भर के 27 परीक्षा केंद्रों पर 9 भाषाओं (हिंदी, तमिल, इंग्लिश, गुजराती, तमिल, बंगाली, मराठी, तेलुगू, कन्नड़, उडि़या) में होता है। 
  • समयावधि- 3 घंटे 30 मिनट ल्ल परीक्षा पैटर्न- परीक्षा में सौ सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवाल बहुविकल्पीय (ओएमआर फॉर्मेट में) होंगे। 
  • कैसा होगा पाठ्यक्रम- परीक्षा में आने वाले सवाल बार कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित त्रिवर्षीय एलएलबी व पंचवर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र दो कैटेगिरी में बंटा होगा। पहला कानून के वृहत क्षेत्र केआधारभूत ज्ञान से जुड़ा होगा। वहीं दूसरे में कई अन्य विषयों से जुड़े हुए ऐसे सवाल होंगे, जिन्हें जानना इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी नवागंतुक के लिए आवश्यक है।
  •  http://www.allindiabarexamination.com/
काला कोट, अदालती परिवेश, सामने खड़े मुजरिम, बहसों से गुजरते वकील। आज ज्यूडिशियरी कॅरियर का मतलब केवल यही सब नहीं है। आज तो इसका परिवेश विस्तृत हो चुका है, जिसमें आप ज्यूडिशियल काउंसलिंग से लेकर लीगल राइटिंग, आउटसोर्सिग जैसे क्षेत्रों में काम की गुंजाइश ढ़ूंढ सकते हैं। पीजीडीएम इन पेटेंट लॉ, डिप्लोमा इन साइबर क्राइम, डिप्लोमा इन मीडिया लॉ, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल ह्यूमेनटेरियन लॉ जैसे एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स आपको अन्य बहुत से क्षेत्रों में पैर जमाने का अवसर देते हैं। कॉरपोरेट काउंसिल- आज गलाकाट कॉरपोरेट प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यावसायिक सलाहकार बड़ी जरूरत बनकर उभरे हैं। कॉरपोरेट लॉ में माहिर ये लोग लीगल ड्राफ्ंिटग से लेकर अधिग्रहण तक कई विषयों में अपनी कंपनी को मशविरा देते हैं। बढि़या सैलरी, बेहतर वर्किग कंडीशन के बीच यह क्षेत्र लॉ ग्रेजुएट्स के लिए खासा उपयुक्त माना जाता है। ज्यूडिशियल सर्विस- बदलाव तो कई आए लेकिन न्यायिक सेवाओं का जलवा अभी भी कायम है। सरकारी नौकरी का आश्वासन, न्यायपालिका की शक्तियां, सामाजिक दायित्व आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जिसके चलते आज बड़ी संख्या में युवा वकील व लॉ ग्रेजुएट इस ओर रुख कर रहे हैं। लीगल राइटिंग- यदि अच्छे आला दर्ज का वकील बनना हैं तो आप सतत अध्ययन से भाग नहीं सकते। यही तथ्य आज अच्छे लीगल राइटर्स के लिए उपजाऊ अवसर पैदा कर रहा है। यदि आपके पास भी कानून की गहन जानकारी है व लेखन, पसंदीदा विषय है तो आप भी लीगल राइटिंग के क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं। इन दिनों पब्लिकेशन हाउसेज केसाथ वेबसाइट्स में भी अच्छे लीगल राइटर्स की मांग है। लॉ फ‌र्म्स-लॉ फ‌र्म्स अपने क्लाइंट का अदालत में प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं। ये फ‌र्म्स अपने नाम और पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक वकीलों, क्लर्को, ड्राफ्टर्स को जगह देते हैं। लॉ फ ‌र्म्स में अनुभवी व फ्रेशर दोनों के लिए अवसर होते हैं। एकेडेमिक्स- वकालत की ओर युवाओं के बढ़ते रुझान के चलते आज देश में कई लॉ स्कूल खुले हैं। कानून में स्नातक, परास्नातकों के पास इन कॉलेजों को बतौर लॉ फैकेल्टी ज्वाइन कर अपना और अपने छात्रों का भविष्य चमकाने का पूरा मौका है। इस फील्ड में उन्हें रिसर्च का भी मौका मिलता है। एलपीओ (लॉ प्रोसेसिंग आउटसोर्सिग)- एलपीओ बेशक एक नया क्षेत्र है लेकिन आउटसोर्सिग के बढ़ते चलन के बीच यहां अवसरों की रंगत अलग ही शमां बांध रही है। इसमें बड़ी बड़ी लॉ फ‌र्म्स, इन हाउस लॉ डिपार्टमेंट काम का बोझ कम करने तो कई बार वित्तीय बचत के लिए विदेशी लॉ फ‌र्म्स या लीगल सपोर्ट सर्विस की सेवाएं लेते हैं। टेक्नोसेवी, बेहतर इंग्लिश, कानून की सटीक समझ रखने वाले लोग यहां काम का ग्लोबल दायरा तलाश सकते हैं। आप खुद कॅरियर का फैसला कर सकते हैं। 
http://www.allindiabarexamination.com/ 

समस्त अधिवक्ता व विधि स्नातक और अधिवक्ता पेंशन विकास समिति "दैनिक जागरण - जोश" को उपर्युक्त लेख के लिए कोटिश: धन्यवाद देती है। 
इस सराहनीय लेख से अधिवक्ता समाज के प्रति लोगो की गलत मानसिकता बदलने में सहायता मिलेगी।
पुनः  धन्यवाद.......!!!

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The Bihar State Bar Council Advocates' (Welfare) Pension Scheme, 2008